जैसे की सोने के सेब की बात हुई तब बड़ा भाई इस बात से सहमत हो गया। जब उस पेड़ से उसे सुनहरे सेब दिए तब उसे पाकर भी वो बड़ा भाई खुश नहीं था। ऐसा इसलिए क्यूँकि उसे लगा की पेड़ से उसे काफ़ी कम सेब दिए हैं। लालच के वशीभूत होकर भाई ने धमकी दी कि यदि उसे और सेब नहीं दिए गए तो वह पूरा पेड़ काट देगा। उसे और सेब देने के बजाय, पेड़ ने उस पर सैकड़ों छोटी-छोटी सुइयाँ बरसा दीं। सुई के गिरने पर उस बड़े भाई को काफ़ी दर्द महसूश हुआ, भाई दर्द से कराहता हुआ जमीन पर गिर पड़ा। जैसे ही सूरज डूबने लगा, अब छोटे को बड़े भाई की चिंता सताने लगी। जल्द ही, छोटा भाई चिंतित हो गया और अपने बड़े भाई की तलाश में निकल पड़ा। उसने तब तक खोजा जब तक उसे उसका बड़ा भाई नहीं मिल गया। उसने देखा कि एक विशाल पेड़ के नीचे उसका बड़ा भाई गिरा हुआ है, और उसके शरीर पर सैकड़ों सुइयों लगी हुई है, वहीं वो नीचे ज़मीन पर पड़ा दर्द से कर्हा रहा था।
क्योंकि सभी बोरियां पानी में भीग चुकी थी तो धीरे-धीरे कुछ नमक घुल कर बह गया। और इस वजह से बोरियां हल्की हो गई थी। इससे गधे को हल्का महसूस होने लगा। अगले दिन फिर से व्यापारी ने गधे के ऊपर नमक की बोरियां लादकर व्यापार करने चल दिया। रास्ते में वही नदी पड़ी, गधे को पिछली बात याद आई उसने सोचा, पानी में बैठने से उसके बोरियों का वजन कम हो जाता है। तो वह पानी में जाते ही फिर से बैठ गया। और फिर से बोरियों का वजन कम हो गया। अब यही प्रक्रिया वह गधा रोज दोहराने लगा जिससे व्यापारी परेशान हो गया।
जब शाम हो गई और वह चरवाहा लड़का घर नहीं आया तो गाँव बाले जंगल की तरफ उसे खोजने गए। उन्होंने देखा की वह लड़का एक पेड़ पर बैठ कर रो रहा है। उसको किसी तरह से नीचे उतारकर सब ने पूछा क्या हुआ तो लड़के ने सारी बात बताई। read more कहा की यहाँ सचमुच का भेड़िया आया था उसने एक-एक करके हमारी सभी भेड़ो को खा गया।
यह सैतान बिल्ली जो चूहों का पीछा कर रही है और उन्हें पकड़ कर खा रही है! “यह अराजकता है!” एक चूहे ने गुस्से से कहा।
जब किसान ने इसका कारण पूछा, तो पड़ोसी ने उत्तर दिया, “मैंने तुम्हें कुआँ बेचा था, पानी नहीं” और वो वहाँ से चला गया। व्याकुल होकर किसान न्याय मांगने के लिए सम्राट के पास गया। उसने अपनी पूरी बात सम्राट के सामने रखी।
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की अपने दोस्तों और जिन लोगों पर आप भरोसा करते हैं उन्हें बुद्धिमानी से चुनें। किसी ऐसे व्यक्ति के विश्वास को कभी धोखा न दें जो आप पर भरोसा करता हो। मुसीबत के क्षणों में धैर्य नहीं खोना चाहिए। मित्रता का सदैव सम्मान करें।
तुमने अपनी पत्नी के बहकावे में आक़ार मेरे भरोसे को तोड़ा है। अब हम फिर कभी दोस्त नहीं बन सकते!” बंदर ने अपने दोस्त से कहा।
उनकी एक बेटी भी थी जिससे वह बहुत प्यार करते थे। एक दिन, मिडास ने एक देवदूत को देखा, जो की कहीं पर फंस गया था और मुसीबत में था। मिडास ने देवदूत की मदद की और बदले में उसकी इच्छा पूरी करने के लिए कहा।
एक जंगल के पास दो भाई रहा करते थे। इन दोनों में से जो भाई बड़ा था वो बहुत ही ख़राब बर्ताव करता था छोटे भाई के साथ। जैसे की वो प्रतिदिन छोटे भाई का सब खाना ख लेता था और साथ में छोटे भाई के नए कपड़े भी खुद पहन लेता था।
एक समय की बात है जंगल के पास एक लकड़हारा रहता था। वो जंगल में लकड़ी इकठ्ठा करता था और उन्हें पास के बाज़ार में बेचता था कुछ पैसों के लिए।
हमें मुसीबत के समय में धैर्य से काम लेना चाहिए। और खरगोश की तरह ही अपने आप को बचाने की कोशिश करना चाहिए। आपने देखा की किस तरह से चतुर खरगोश ने न सिर्फ अपनी जान बचाई बल्कि अपने साथियों की भी शेर से जान बचा ली। दोस्तों धैर्य और सूझ-बूझ से हम बड़ी से बड़ी मुसीबतों से छुटकारा पा सकते है।
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की दोस्त सभी आकारों में आते हैं। जब आप बिना शर्त दोस्ती बनाते हैं, तो यह हमेशा के लिए रहता है।
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की उदार मन से किया गया कार्य हमेशा फल देता है।
एक दिन की बात है, उसने अपनी गाय को दूध पिलाया और एक छड़ी पर लाए हुए दूध की दो बाल्टी लेकर बाजार में दूध बेचने निकल पड़ी। जैसे ही वह बाजार जा रही थी, वह दिवास्वप्न देखने लगी कि दूध के लिए उसे जो पैसा मिला है, उसका वह क्या करेगी।